-सिद्धान्त यादव
अन्हार है,बड़ दिनस,
कोनो ईजोरिया त आईंन दौ,
अते कारी दिनके मौसममें,
कोई दिप त वाइर दौ
पूछै छि, हम सबसे,की चीज के अन्हार हौ त,
कोई कहै हैं कि,ई बड़ी दिनके चरम अभाव के अन्हार है,
कथि के अभाव?फेनो पूछौ है बिचलित मन,
प्रेमके अभाव,आत्माके अभाव से पगईवाला अन्हार है
अन्हार कटतै की नाई,
जवाब तोहर प्रेम में हौ,
केना इजोरिया कतौ होतो की नई?
तोहर हाथ के सूरज के प्रकाश में हौ,
तोहरा में अन्हरिया,आ तोहरे में इजोरिया हौ